आती हैं याद रोज प्रीतम की कहानियाँ
गुन्जती है कानों मे अभी भी शहनाईयाँ
अकेले बैठी हुँ तेरी राह देखते कब से
बढती जा रही है रोज मेरी तनहाईयाँ
कहीं से तेरे आने की आहट नही होती
गहरी होती जा रही है मेरी खामोशियाँ
बेजुबान हुँ मुझे लोग बेजुबान कहते है
जब से ब्याही गई मेरे संग बेजुबानियाँ
शाम होते ही अंधेरे के साए घेर लेते है
बस कानो मे बजते रहती है शहनाईयाँ
शनिवार, 13 मार्च 2010
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ब्लाग जगत में आपका स्वागत है। अच्छी शुरुआत है। बधाई!
जवाब देंहटाएंइसी तरह लिखती रहें। लिखने के साथ साथ अच्छा साहित्य भी पढ़े, निश्चित ही आपके लेखन में धीरे धीरे परिपक्वता आती जाएगी। मेरी शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंसुभाष नीरव
09810534373
www.setusahitya.blogspot.com
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www.sahityasrijan.blogspot.com
"बेजुबान हुँ मुझे लोग बेजुबान कहते है
जवाब देंहटाएंजब से ब्याही गई मेरे संग बेजुबानियाँ"
सार गर्भित - अति सुंदर
gaharai samete is khobsoorat rachna ke liye badhai...
जवाब देंहटाएंpoonam
बेजुबान हुँ मुझे लोग बेजुबान कहते है
जवाब देंहटाएंजब से ब्याही गई मेरे संग बेजुबानियाँ
behatrin sher hai badhai
shahid samar
shahidkidunia.blogspot.com
चरेवेति,चरेवेति
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
जवाब देंहटाएंकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
इस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंwow bahut sundar rachana he
जवाब देंहटाएंhttp://kavyawani.blogspot.com/
shekhar kumawat
शाम होते ही अंधेरे के साए घेर लेते है
जवाब देंहटाएंबस कानो मे बजते रहती है शहनाईयाँ
बेहतरीन गज़ल
nice
जवाब देंहटाएंअच्छा लिखतीं हैं / लगातार लिखा कीजिये / आप अपने सोच को चाहे वह कविता,कहानी या लेख कुछ भी क्यों न हो ,उसके जरिये देश और समाज में सार्थक बदलाव लाने की कोशिस जरूर कीजिये / आशा है आप इसी तरह ब्लॉग की सार्थकता को बढ़ाने का काम आगे भी ,अपनी अच्छी सोच के साथ करते रहेंगे / ब्लॉग हम सब के सार्थक सोच और ईमानदारी भरे प्रयास से ही एक सशक्त सामानांतर मिडिया के रूप में स्थापित हो सकता है और इस देश को भ्रष्ट और लूटेरों से बचा सकता है /आशा है आप अपनी ओर से इसके लिए हर संभव प्रयास जरूर करेंगे /हम आपको अपने इस पोस्ट http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/04/blog-post_16.html पर देश हित में १०० शब्दों में अपने बहुमूल्य विचार और सुझाव रखने के लिए आमंत्रित करते हैं / उम्दा विचारों को हमने सम्मानित करने की व्यवस्था भी कर रखा है / पिछले हफ्ते अजित गुप्ता जी उम्दा विचारों के लिए सम्मानित की गयी हैं /
जवाब देंहटाएंहिन्दी चिट्ठजगत में स्वागत है। लिखती चलें, रुक क्यों गयीं।
जवाब देंहटाएंकृपया वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें। यह न केवल मेरी उम्र के लोगों को तंग करता है पर लोगों को टिप्पणी करने से भी हतोत्साहित करता है। आप चाहें तो इसकी जगह कमेंट मॉडरेशन का विकल्प ले लें।