शनिवार, 13 मार्च 2010

मेरी खामोशियाँ

आती हैं याद रोज प्रीतम की कहानियाँ 
गुन्जती है कानों मे अभी भी शहनाईयाँ

अकेले बैठी हुँ तेरी राह देखते कब से
बढती जा रही है रोज मेरी तनहाईयाँ


कहीं से तेरे आने की आहट नही होती
गहरी होती जा रही है मेरी खामोशियाँ


बेजुबान हुँ मुझे लोग बेजुबान कहते है
जब से ब्याही गई मेरे संग बेजुबानियाँ


शाम होते ही अंधेरे के साए घेर लेते है
बस कानो मे बजते रहती है शहनाईयाँ

13 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लाग जगत में आपका स्वागत है। अच्छी शुरुआत है। बधाई!

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  2. इसी तरह लिखती रहें। लिखने के साथ साथ अच्छा साहित्य भी पढ़े, निश्चित ही आपके लेखन में धीरे धीरे परिपक्वता आती जाएगी। मेरी शुभकामनाएं !
    सुभाष नीरव
    09810534373
    www.setusahitya.blogspot.com
    www.srijanyatra.blogspot.com
    www.kathapunjab.blogspot.com
    www.sahityasrijan.blogspot.com

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  3. "बेजुबान हुँ मुझे लोग बेजुबान कहते है
    जब से ब्याही गई मेरे संग बेजुबानियाँ"
    सार गर्भित - अति सुंदर

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  4. बेजुबान हुँ मुझे लोग बेजुबान कहते है
    जब से ब्याही गई मेरे संग बेजुबानियाँ

    behatrin sher hai badhai

    shahid samar
    shahidkidunia.blogspot.com

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  5. चरेवेति,चरेवेति

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  6. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

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  7. इस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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  8. wow bahut sundar rachana he

    http://kavyawani.blogspot.com/

    shekhar kumawat

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  9. शाम होते ही अंधेरे के साए घेर लेते है
    बस कानो मे बजते रहती है शहनाईयाँ
    बेहतरीन गज़ल

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  10. अच्छा लिखतीं हैं / लगातार लिखा कीजिये / आप अपने सोच को चाहे वह कविता,कहानी या लेख कुछ भी क्यों न हो ,उसके जरिये देश और समाज में सार्थक बदलाव लाने की कोशिस जरूर कीजिये / आशा है आप इसी तरह ब्लॉग की सार्थकता को बढ़ाने का काम आगे भी ,अपनी अच्छी सोच के साथ करते रहेंगे / ब्लॉग हम सब के सार्थक सोच और ईमानदारी भरे प्रयास से ही एक सशक्त सामानांतर मिडिया के रूप में स्थापित हो सकता है और इस देश को भ्रष्ट और लूटेरों से बचा सकता है /आशा है आप अपनी ओर से इसके लिए हर संभव प्रयास जरूर करेंगे /हम आपको अपने इस पोस्ट http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/04/blog-post_16.html पर देश हित में १०० शब्दों में अपने बहुमूल्य विचार और सुझाव रखने के लिए आमंत्रित करते हैं / उम्दा विचारों को हमने सम्मानित करने की व्यवस्था भी कर रखा है / पिछले हफ्ते अजित गुप्ता जी उम्दा विचारों के लिए सम्मानित की गयी हैं /

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  11. हिन्दी चिट्ठजगत में स्वागत है। लिखती चलें, रुक क्यों गयीं।

    कृपया वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें। यह न केवल मेरी उम्र के लोगों को तंग करता है पर लोगों को टिप्पणी करने से भी हतोत्साहित करता है। आप चाहें तो इसकी जगह कमेंट मॉडरेशन का विकल्प ले लें।

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